Parvatiye Sthal ka Varnan Karte Hue Mitra Ko Patra – पर्वतीय स्थल का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र

प्रिय मित्र __________ (मित्र का नाम)
नमस्कार।

हम सब यहां पर सकुशल हैं और आप सब की कुशलता के लिए उस सर्व शक्तिमान परम पिता परमात्मा से प्रार्थना करते हैं।

पिछले सप्ताह मैं परिवार सहित ________ (पर्वतीय स्थल जैसे कुल्लू मनाली / शिमला /मसूरी) की यात्रा पर गया था। सोचा तुम्हें भी वहां के बारे में अवगत करा दूं। हम ________ (जहां से चले उस जगह का नाम) से शाम को _____ बजे _____ (बस / ट्रेन) में बैठे और पूरी रात यात्रा कर के सुबह ___ बजे _______ पहुंच गए। रास्ते में पहाड़ों के अद्भुत नजारे देखने वाले थे। पहाड़ों की सुन्दरता हमें बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है। _____ में बहुत सुहाना मौसम था। _______ की गर्मी से उलट वहां का मौसम बहुत ही ठंडा था।

उस दिन हम होटल में थोड़ी देर आराम करने के बाद घूमने निकल गए। पहाड़ों की सुन्दरता देखते ही बनती है। _________ और _______  (वहां की घूमने की जगह के नाम) घाटी अति मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करते हैं। वहां करने के लिए बहुत सारी एक्टिविटी हैं। पता ही नहीं चला कब एक सप्ताह बीत गया।

आशा है कि तुम्हें कुछ जानकारी प्राप्त हुई होगी।

तुम्हारा मित्र,
__________ (पत्र लिखने वाले का नाम)


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